Wednesday, July 10, 2013

लाखों हज़ार जुबानो के साथ, वर्णन ना कर पाऊं तेरे प्रेम का

लाखों हज़ार जुबानो के साथ,
वर्णन ना कर पाऊं तेरे प्रेम का - २,
मेरे प्रभु यीशु मसीह,
करलो क़ुबूल ये आराधना
 
याद करूँ जब घायल बदन को,
कोड़ों की मार और कांटे ज़खम को - २,
तब आये होठों पे गीत ये मेरे,
लाखों हज़ार.....
 
याद करूँ जब तेरे वचन को,
मेरे पिता इन्हें क्षमा करो - २, 
तब आये होठों पे गीत ये मेरे,
लाखों हज़ार.....
 
याद करूँ जब तेरे लुटने को,
काठ पर कीलों से लटके बदन को - २,
तब आये होठों पे गीत ये मेरे,
लाखों हज़ार.....
 
याद करूँ जब क्रूस मरण को,
तेरे पवित्र और पावन लहू को - २,
तब आये होठों पे गीत ये मेरे,
लाखों हज़ार.....